NDPS Act और Section 50 की कानूनी तकनीकी बातें
नमस्कार,
मैं एडवोकेट राजेश दुदानी, इस लेख में आपके साथ साझा कर रहा हूं NDPS Act से जुड़ी एक बेहद महत्वपूर्ण जानकारी। अगर आप या कोई जानकार NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985) के तहत फंसे हैं, तो जान लीजिए – यह कानून बेहद सख्त है, लेकिन इसके भीतर कुछ ऐसे तकनीकी प्रावधान हैं जिनका सही उपयोग करके बेल और यहां तक कि बरी होने के रास्ते भी खुल सकते हैं।
Section 50 की भूमिका
NDPS Act की Section 50 विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जब किसी व्यक्ति की बॉडी से कोई मादक पदार्थ बरामद किया गया हो। इस स्थिति में, IO (Investigating Officer) को यह बताना आवश्यक है कि आरोपी चाहे तो उसकी तलाशी Magistrate या Gazetted Officer के समक्ष करवाई जा सकती है।
अगर इस प्रक्रिया में कोई चूक होती है, तो आरोपी को इसका कानूनी लाभ मिल सकता है। उच्चतम न्यायालय ने Raju Pandey v. State of Chhattisgarh जैसे मामलों में यह स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की प्रक्रिया की अनदेखी, आरोपी के पक्ष में जाती है।
NDPS केस में टेक्निकल डिफेंस क्यों जरूरी है?
- FSL रिपोर्ट भले पॉजिटिव हो, परंतु प्रक्रिया में त्रुटि केस को कमजोर कर सकती है।
- Section 50, 41, 42, 43 की अनुपालना न होना आपके केस की दिशा बदल सकता है।
- बेल और बरी होने के लिए एक मजबूत तकनीकी दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
इस विषय पर मेरा संक्षिप्त वीडियो देखें:
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अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी कानूनी सलाह के रूप में न लिया जाए। किसी विशिष्ट मामले के लिए कृपया अपने अधिवक्ता(Advocate) से परामर्श लें।
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